Sunday 1 January 2017

नज़र बदलो, नज़ारे बदल जाएँगे


अलविदा  2016! अभिनंदन  2017!



नए  साल  की  नयी  सुबह  में  कुछ  खास  नहीं  होता वही सवेरा, वही  सूरज ।वही  ठण्ड, कुहासा  और  कोहरा एक दिन  का  क्षणिक उल्लास, उमंग और उत्साह। कुछ पार्टियाँ और  पिकनिक, कुछ घूमना -फिरना  और सैर -सपाटा , कुछ खाना-पीना  और  नाचना -गाना, कुछ रंगीनियाँ  और जश्न फिर सब  कुछ वैसा का वैसा ही वही  पुराना  ढर्रा,  पुराना  रूटीन  और पुराना  जीवन कैलेन्डर  की तारीख  बदलने  से समय  नहीं  बदलता मन  बदलने  से  मौसम  बदलता है  नज़र  बदलने  से  नज़ारे  बदल  जाते   हैं ज़िंदगी  के  मायने  और  इशारे  बदल  जाते  हैं जिस  तरह  लिफ्ट  हमें  इमारत   के  सबसे  ऊपरी  मंजिल तक  ले  जाता है  उसी  तरह  सही  नजरिया  हमें  सफलता  के  शिखर  तक  ले  जाता  है। जीवन में हमारी  हार  या  जीत  हमारे  दृष्टिकोण  पर  निर्भर  करती  है।  जीवन  को देखने, परखने  और  समझने  का  हमारा  अंदाज़  ही  हमें उपलब्धियों  की ऊँचाइयों   तक  ले  जाता  है  या  हमें  विनाश  के  गर्त  में  धकेल  देता  है  नजरिया   बदलने  से  बहुत  बड़ा अंतर  उत्पन्न  हो जाता  है यह  खेल  का  रुख ही  मोड़  देता  है  जीवन  और जगत  में  घटनाएँ  तो  घटती  रहतीं  हैं  परंतु यह  हमारी  सोच  पर  निर्भर  करता  है  कि  हम  उन्हें  किस दृष्टिकोण  से  देखते हैं अच्छाई  या  बुराई, खूबसूरती  या  बदसूरती  वस्तु   में  नहीं,  हमारी  दृष्टि  में होती  है
मैंने  एक  कहानी  सुनी   थी । एक  जूता  कंपनी  ने  एक  क्षेत्र  विशेष  में  सर्वे  के  लिए  अपने  दो  प्रतिनिधियों   को  भेजा । वापस  लौट  कर  पहले  ने अपने  रिपोर्ट  में  लिखा  कि  वहाँ  बिज़नेस  की  कोई  संभावना  नहीं  है  क्योंकि  वहाँ  कोई  जूता  पहनता  ही नहीं  है । दूसरे  व्यक्ति  ने  अपने  प्रतिवेदन   में लिखा  कि  वहाँ  व्यापार  की  सबसे  ज्यादा  संभावना  है  क्योंकि  अभी  तक  वहाँ किसी  ने  जूता  ख़रीदा  या  पहना   ही नहीं  है । सकारात्मक  और  नकारात्मक सोच   में यही  अंतर  है । सकारात्मक  सोच  वाले  व्यक्ति  असाधारण  अवसरों की प्रतीक्षा  नहीं  करते। वे साधारण अवसरों  का  सदुपयोग  कर  उन्हें  असाधारण बना  देते  हैं । वह उस  निराशावादी  की  तरह  नहीं  होता  जो  हर  अवसर  में समस्या  खोजता  है । वह  तो  उस  आशावादी  की  तरह  होता  है  जो  हर  समस्या  में  समाधान  ढूँढता  है । उन्हें  अपनी  क्षमता  पर  गहरा  विश्वास  होता है  और  उनमें  जीतने  की  जिद  और  ललक  होती  है कोई  भी  बाधा  उनके मार्ग  को  अवरुद्ध  नहीं  कर  सकती वे  विषम  से  विषम  परिस्थिति  में भी हार नहीं  मानते वे   सदा  संघर्ष  के  मार्ग  पर वीर  योद्धा  की  भाँति  डटे  रहते  हैं वे तो  समुद्र  के गहरे  और  खारे  पानी  से  भी  मोती  निकाल  लाते  हैं ऐसे  धुन  के  पक्के  लोग  ही  जीवन  और  समाज  में  बदलाव  लाते  हैं     
अतः  आवश्यकता  है  अपने  दृष्टिकोण  को  परिवर्तित  करने  का गुब्बारे  अपने विविध  रंगों  की वजह  से  ऊपर  नहीं  उठते  हैं उनमें  भरी  हुई  गैस  उन्हें  ऊपर की ओर  ले जाती  है। दृष्टिकोण  या  नजरिया  हमारे  भीतर  की  गैस  है  जो  हमें धरती  के गुरुत्वाकर्षण  से  मुक्त   कर   अनंत  की  यात्रा  पर  ले  जाता  है   
आइए, इस  नए साल  में  सकारात्मक  और  रचनात्मक  सोच  का  जादू  जगाएं और अपनी   जिंदगी को  खुशियों की  भीनी -भीनी  खुशबू   से भर  दें दुनिया  को  जरा हटकर देखो  तो  वह  बहुत  हसीन  नज़र  आएगी   

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